उत्तराखंड में हल्द्वानी जिले के मुखानी थानाक्षेत्र में रविवार सुबह एक गोशाला में बने गोमूत्र टैंक में दम घुटने से उत्तर प्रदेश के पीलीभीत निवासी श्रमिक दंपती की मौत हो गई। इस घटना में दंपति का बेटा भी बेहोश हो गया। करीब एक घंटे बाद उनके बेटे को होश आया।
हादसे की सूचना के बाद मौके पर पहुंची स्थानीय पुलिस ने दंपती के शवों का पोस्टमॉर्टम कराया। वहीं इस मामले में गोशाला मालिक की ओर से पीड़ित परिवार को मुआवजा देने से इनकार करने पर मृतकों के परिजनों ने हंगामा किया। परिजनों ने शवों का दाहसंस्कार नहीं करने की चेतावनी दी है।
हल्द्वानी के बिठौरिया नंबर एक स्थित विकासनगर फेज-3 में आदर्शनगर निवासी जगदीश जोशी की गोशाला है। इसमें यूपी पीलीभीत के बीसलपुर के भसूड़ा गांव निवासी 46 वर्षीय मटरू लाल पुत्र स्व. भीष्म लाल काम करता था। वह अपने परिवार के साथ गोशाला में ही रहता था। रविवार सुबह गोशाला मालिक ने सीवर टैंकर बुलाकर टिन शेड में बने गोमूत्र टैंक को खाली कराया।
इसके बाद मटरू टैंक में बचे गोमूत्र को साफ करने के लिए उसमें उतर गया, लेकिन वह टैंक में बनी जहरीली गैस से बेहोश गया। पति को बेहोश होता देख उसकी 45 वर्षीय पत्नी रानी उसे निकालने के लिए टैंक में उतरी तो वह भी बेहोश हो गई। जब 13 वर्षीय बेटे संजय ने माता-पिता को टैंक में देखा तो वह भी उन्हें निकालने उतर गया। जहरीली गैस से वह भी बेहोश गया।