उप जिलाधिकारी अजयवीर सिंह तथा सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान ने व्यापार मण्डल के पदाधिकारियों एवं व्यापारियों के साथ सीसीआर में हरिद्वार कोरिडोर के सम्बन्ध मेंं बैठक की। बैठक में उप जिलाधिकारी अजयवीर सिंह तथा सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान ने कहा कि कोरिडोर से सम्बन्धित किसी भी प्रकार के भ्रम में न रहे और अफवाह फैलाने वालों से दूर रहें। कॉरिडोर को लेकर किसी भी प्रकार की अफवाह न फैलाई जाये। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा कंसलटेंट तथा व्यापारियों के साथ बैठक कराने का मुख्य उद्देश्य भ्रांतियां को दूर करना तथा चल रहे सर्वे में एक दूसरे का सहयोग करना है। कंसलटेंट द्वारा स्पष्ट किया गया कि टोपोग्राफिकल सर्वे का कार्य चल रहा है और शासन द्वारा रोड चौड$ीकरण से सम्बन्धित किसी भी प्रकार का आदेश नहीं दिया गया है। उन्होंने बताया कि नाप—जोख सड़क की एक नाली से दूसरी नाली तक की गई है।
किसी भी व्यापारी की दुकान या भवन की नाप—जोख नहीं की गई है। व्यापारी प्रतिनिधियों ने कहा कि शहर के सौंदर्यीकरण एवं विकास में सहयोग प्रदान किया जायेगा। लेकिन शहर में किसी भी प्रकार की तोड$फोड$ बर्दाश्त नहीं की जायेगी। तोड$फोड$ का खुलकर विरोध किया जायेगा। व्यापरियों ने कहा कि हरिद्वार कोरिडोर के नाम पर फैली भ्रांतियों के कारण विभिन्न प्रकार की समस्याओं जैसे—बैंकों द्वारा ऋण न दिया जाना, दुकान—मकान बैचने के लिए ग्राहक न मिलना, दुकान सौन्दर्यकरण एवं मरम्मत न हो पाने आदि से सम्बन्धित विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड रहा है। बैठक में संजीव नैयर, राजीव पाराशर, कमल बृजवासी, अनिरूद्ध भाटी, विजय शर्मा, सुनील सेठी, अमन शर्मा, अमन गर्ग, संदीप शर्मा, संजय त्रिवाल, राजू मनोचा आदि व्यापारी मौजूद रहे।
वहीं प्रस्तावित कॉरिडोर को लेकर सीसीआर टावर में प्रशासन और व्यापारियों के बीच हुई बैठक में महानगर व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष सुनील सेठी ने अपनी बात रखते हुए व्यापारियों के साथ एसडीएम को ज्ञापन दिया और हरिद्वार की पौराणिकता का ध्यान रखते हुए कॉरिडोर को गंगा किनारे रोडी बेलवाला में बनाने की मांग की। बैठक में सुनील सेठी ने जिला प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि व्यापारी विकास के विरोधी नही है। लेकिन उसमे व्यापारियों की भावनाओं का भी सम्मान किया जाना चाहिए। कॉरिडोर को लेकर हरिद्वार के व्यापारियों में जो भय का माहौल है। उसे दूर किया जाए। परियोजना से जुड$े अधिकारी अपनी मंशा प्रैस के माध्यम से व्यापारियों के बीच लाएं। पिछले 3 वर्ष से व्यापारी डरे सहमे हुए हैं। हरिद्वार की पौराणिकता का विशेष ध्यान रखा जाए। किसी भी व्यापारी का अहित किए बिना और विस्थापित किए बिना शहर का विकास किया जाए।